आत्मीयता बनती है तभी , जब हमको कोई जानता है !
सफलता हाथ लगती उसे, जो मन में पक्की ठानता है !
बहुत महत्व की होती है, छोटी-छोटी बातें व्यवहार में !
छोटी-सी भूल भी जीत को, बदल देती है देखो हार में !
यह बात सभी कहते आए, गुरू का सदां सम्मान करो !
अब यह भी कहना होगा, गुरू की पहले पहचान करो !
हंसना स्वभाव है जीवन का, रोना उसकी मजबूरी है !
दुःख को हल्का करने खातिर, रोना भी बहुत जरूरी है !
हर कोई भावुक नहीं होता, कुछ भले लोग ही होते हैं !
हंसना कहाँ गवारा उनको, जो सब के संग-संग रोते हैं !
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